Indian Economy 2024 and Challenges
भारत का आर्थिक मिशन और सामने खडी चुनौतियाँ : यूनियन बजट 2024 का पूर्वानुमान
- भारत यूनियन बजट 2024 के पहले, सरकार ने अंतरिम वित्तीय योजना में कोई बड़ी घोषणाएं नहीं हैं, लेकिन यह अभी से महत्वपूर्ण लक्ष्यों के संकेत है, जिसमें भारत को 2030 तक विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य है, जिसमे $5 ट्रिलियन जीडीपी का अप्रतिम उधीष्ठ भी शामिल हे।
- एक उत्साही आर्थिक लक्ष्य स्थापित करते हुए, हमारा नेतृत्व सात वर्षों में $7 ट्रिलियन जीडीपी का लक्ष्य रख रहा है, जिसमें उनके आर्थिक प्रबंधन में आत्मविश्वास है जो कि उनकी कार्यशैली मी भी देखा जा सकता हे, जिसे वर्तमान वर्ष में 7% से अधिक की वृद्धि के आदान-प्रदान से समर्थित किया गया है।
- 2025 की दिशा में देखते हैं : वित्त मंत्रालय ने भारत के लिए स्थिर 7% की वृद्धि दर का परियाय दिखाया है, लेकिन तीन प्रमुख परिवर्तनों को उजागर करते हुये कहा हैं कि ३ चीजे जादा चुनौतियाँ पैदा कर रहि हैं:
- डी-ग्लोबलाइजेशन,
- कृत्रिम बुद्धिमत्ता,
- और ऊर्जा परिवर्तन।
डी-ग्लोबलाइजेशन के अवस्थान की जांच पे तेजी से काम चाल रहा हैं, जिसमें वैश्विक जड़ से कम जड़ में कमी की जाती है,
- भारत एक धीरे-धीरे सप्लाय चेन की गतिविधियों में परिवर्तन की अपेक्षा कर रहा है, जिसमें लोगो की मांग में विभिन्न विकल्पों की आवश्यकता है, जिनमें कम लागत और उच्च गुणवत्ता पर ध्यान केंद्रित किया हुआ है, जिससे सरकारों और कंपनियों को इन विकल्पों की अधिक सकारात्मक रिझल्ट की उम्मीद है। जबकि भारत के लिए चुनौती यह है कि वैश्विक व्यापार को चीन से दूर करने के लिए वैश्विक वव्यापारियो और माल बनाने वालो को आकर्षित करना है, वह वियतनाम, थाईलैंड, इंडोनेशिया, और मेक्सिको जैसे देशों के साथ तेजी से प्रतिस्पर्धा में है, जब कि वो सभी बाजार में एक महत्वपूर्ण हिस्से के लिए प्रयासशील हैं, इसी मे भारत को खुद को आकर्षक और प्रिय बनाए रखने की आवश्यकता है,
- सकारात्मक सौदों की सुरक्षा करके ओर चुनौतियों का सामना करते हुए, वित्त मंत्रालय सुझाव देता है कि भारत को लॉजिस्टिक लागत को कम करने और उत्पादन को बढ़ाने में निवेश करना चाहिए, उच्च गुणवत्ता वाले उत्पाद बनाने के उपर भी काम करना चाहिये, जबकि उन्होंने आर्थिक सेवाओं में कृत्रिम बुद्धिमत्ता के बढ़ते चलन और प्रभाव को भी स्वीकृत किया है, जो भारतीय अर्थव्यवस्था के एक महत्वपूर्ण योगदानकर्ता है। जैसे के IT और सेवा, सेवा क्षेत्र के महत्व को उजागर करते हुए खासकर भारत के मशहूर आईटी सेवाओं की महत्वपूर्णता को बताते हुए रखना हे, ये देश के जीडीपी का आधा से अधिक हिस्सा तय करते हैं और 10% वैश्विक बाजार हिस्सा भी है।
- हमे कइ रिपोर्ट ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता के बढ़ते प्रवृत्ति के प्रभाव पर चेतावनी दी है, नौकरी निर्माण पर इसके प्रभाव और सेवा क्षेत्र में गति को लेकर चिंता भी व्यक्त की है, साथ ही बढ़ते वैश्विक तापमान के बीच हरित विकल्प की ओर जाने की चुनौतियों को भी अधोरेखित किया है। सप्लाय चेन विविधता, कृत्रिम बुद्धिमत्ता के प्रभाव पर नौकरी निर्माण और पर्यावरणीय दायित्व में हरित विकल्प की ओर महत्वपूर्ण चुनौतियों का सामना भी करना हे , भारत के नीतिनिर्माताओं को विकास और सुस्ती के बीच एक संरक्षित संतुलन ढूंढ़ने का कार्य अब तक किया है, जिसमें आने वाला बजट इन बहुपहलुवादी मुद्दों का सामना करने के लिए रणनीतियों को मजबूत करने की आशा कर रहा है।